सूर्यातप (Insulation)

सूर्यातप (Insulation) सूर्यातप सूर्य की किरण का वह भाग है जो पृथ्वी को प्राप्त होता है। इसको निम्नलिखित प्रकार से समझ सकते हैं। In-coming〉  Sol-Solar 〉  Ation-Radiation〉 लघु तरंगों के रूप में आने वाली सूर्य की किरणें जो 3 लाख किलो …

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भू-संचलन

वायुमण्डल (Atmosphere) संगठन व संरचना:- हमारी पृथ्वी के चारों ओर घिरा हुआ गैसीय आवरण जो पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के कारण जुड़ा हुआ है वायुमण्डल कहलाता है। वायुमण्डल एक चलनी की तरह कार्य करता है जो सौर विकिरण की लघु तरंगों …

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भू-संचलन (Earth Movement)

भू-संचलन (Earth Movement) भूतल पर परिवर्तन दो बलों के कारण होता है-  अन्तर्जात बल तथा  बहिर्जात बल। पृथ़्वी के आन्तरिक भाग से उत्पन्न होने वाले बल को अन्तर्जात बल जबकि पृथ्वी की सतह पर उत्पन्न होने वाले बल को बहिर्जात …

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नदी द्वारा निर्मित स्थलाकृतियाॅ

नदी द्वारा निर्मित स्थलाकृतियाॅ (Land Forms Created By The River) अपरदन द्वारा निर्मित स्थलाकृतियाँ(Erosional Eandforms) :- V आकार की घाटी  (V Shaped Valley) नदियों द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों मे लम्बवत् अपरदन द्वारा निर्मित गहरी संकीर्ण घाटी ‘V’ आकार की घाटी कहलाती है। …

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अपक्षय तथा अपरदन (Weathering And Erosion)

अपक्षय तथा अपरदन (Weathering And Erosion) चट्टानों के अपने स्थान पर भौतिक अथवा रासायनिक प्रक्रियाओं द्वारा टूटने-फूटने की क्रिया को अपक्षय (Weathering)  कहते हैं। अपक्षय एक स्थैतिक प्रक्रिया है क्योंकि इसमें चट्टानों के टूटे-फूटे पदार्थों के परिवहन को सम्मिलित नहीं …

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झील

झील सामान्य रूप में झील भूतल गहरे व विस्तृत होते हैं जिनमें जल भरा रहता है। दूसरे शब्दों मे झीलें स्थलखण्ड के आन्तरिक भागों में स्थित जलपूर्ण गर्त हैं झीलें बनती हैं, विकसित होती हैं तथा धीरे-धीरे निक्षेपित पदार्थाें से …

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मैदान

मैदान  सामान्यतः सागर तल से 150 मी. तक ऊँचे किन्तु समतल तथा विस्तृत खण्ड को मैदान की संज्ञा दी जाती है। मैदान का ऊपरी धरातल सपाट तथा समतल होता है। द्वितीय श्रेणी के उच्चावच में मैदान सर्वाधिक महत्वपूर्ण हैं। संपूर्ण …

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